चक्रवात ‘दितवाह’ के असर से मध्य और पश्चिमी भारत में छाए बादल; नवंबर के अंत से उत्तरी मैदानों में गिरेगा पारा।
चक्रवात ‘दितवाह’ का मध्य और पश्चिमी भारत पर प्रभाव
बंगाल की खाड़ी में बना समुद्री तूफान ‘दितवाह’ अब भारत के तटों को प्रभावित करना शुरू कर चुका है। इसके असर से आज मध्य और पश्चिमी भारत के कई इलाकों में बादल छाने लगेंगे। मुंबई, अमरावती, जबलपुर, रीवा से लेकर पूर्वी उत्तर प्रदेश के प्रयागराज और अयोध्या तक आसमान में बादल दिखाई देंगे। इस बदली के कारण धूप का असर कम होगा और हल्की ठंडक बढ़ेगी, हालांकि फिलहाल इन क्षेत्रों में व्यापक बारिश की उम्मीद कम है।
दक्षिण भारत में भारी बारिश और लैंडफॉल की आशंका
यह तूफान ३० नवंबर को उत्तरी तमिलनाडु और दक्षिणी आंध्र प्रदेश के तटों से आंतरिक भागों में प्रवेश करेगा, जिससे तमिलनाडु, केरल, रायल सीमा और कर्नाटक के आंतरिक तथा तटीय जिलों में भारी वर्षा की आशंका है। इसके अलावा, ३० नवंबर को, इसका प्रभाव महाराष्ट्र के विदर्भ और ओडिशा-छत्तीसगढ़ के दक्षिणी जिलों में भी हल्की वर्षा के रूप में दिख सकता है।
पश्चिमी विक्षोभ और उत्तरी हवाओं का आगमन
उत्तर भारत में एक कमजोर पश्चिमी विक्षोभ (Western Disturbance) सक्रिय है, जिसका प्रेरित सर्कुलेशन राजस्थान पर बना हुआ है। यह सिस्टम पहाड़ों पर न तो बर्फबारी देगा और न ही मैदानी इलाकों में व्यापक बारिश, लेकिन इसके कारण उत्तर-पश्चिमी ठंडी हवाएँ बाधित होने के बाद तेज़ होकर चलेंगी। २९ नवंबर से उत्तर की ठंडी हवाएँ पंजाब, हरियाणा, दिल्ली-एनसीआर, राजस्थान, और उत्तर प्रदेश के ज़्यादातर भागों तक पहुँचकर अपने प्रभाव को और मज़बूत करेंगी।
उत्तर भारत में बढ़ेगी ‘गलन’ वाली ठंडक
ठंडी हवाओं के प्रभाव के परिणामस्वरूप, इन मैदानी क्षेत्रों में तापमान में और गिरावट आएगी, और गलन वाली ठंडक का एहसास बढ़ जाएगा। हालाँकि, कल (२९ नवंबर) आसमान साफ रहने के कारण ज़्यादा समय के लिए धूप मिलने की संभावना है। फिलहाल, बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल और पूर्वोत्तर भारत के अधिकांश हिस्सों में मौसम साफ और शुष्क बना रहेगा।
दिसंबर में कड़ाके की सर्दी की चेतावनी
मौसम विशेषज्ञों ने दिसंबर महीने के लिए चेतावनी जारी की है। दिसंबर शुरू होते ही पहाड़ों पर बर्फबारी की गतिविधियां बढ़ेंगी। यह बर्फबारी कुछ समय के लिए मैदानी भागों में ठंडक को थामेगी, लेकिन इसके रुकने के बाद, पहाड़ों से आने वाली सर्द हवाएँ और भी तेज़ ठंडक लेकर आएंगी। ऐसे में, पूरे उत्तर, मध्य और पूर्वी भारत को दिसंबर के महीने में कड़ाके की और भी भयानक सर्दी का सामना करने के लिए तैयार रहना होगा।