देश के मौसम में एक बड़ा बदलाव देखने को मिलने वाला है। स्काईमेट के मौसम विशेषज्ञों के अनुसार, बंगाल की खाड़ी में एक नई मौसमी हलचल शुरू हो गई है, जो जल्द ही एक चक्रवाती तूफान का रूप ले सकती है। इसके साथ ही उत्तर भारत में ठंड का प्रकोप बढ़ने लगा है, जबकि दक्षिण और मध्य भारत में बारिश की गतिविधियाँ तेज होने वाली हैं।
चक्रवाती तूफान ‘सेन्यार’ (Senyar) की आहट
थाईलैंड के पास एक चक्रवाती परिसंचरण (Cyclonic Circulation) सक्रिय है, जो भारतीय समुद्र की ओर बढ़ रहा है। अनुमान है कि 22 नवंबर के आसपास यह दक्षिण-मध्य बंगाल की खाड़ी में एक निम्न दबाव का क्षेत्र (Low-Pressure Area) बना देगा। यह सिस्टम तेजी से मजबूत होगा और डिप्रेशन में बदलते हुए 25 नवंबर तक एक समुद्री तूफान का रूप ले सकता है।
इस संभावित तूफान का नाम ‘सेन्यार’ (Senyar) रखा जाएगा, जिसका नामकरण संयुक्त अरब अमीरात (UAE) द्वारा किया गया है। हालांकि, तूफान किस तट से टकराएगा, यह अभी निश्चित नहीं है। इसके दक्षिणी आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु की तरफ बढ़ने की संभावना है, लेकिन यह ओडिशा, पश्चिम बंगाल या म्यांमार की तरफ भी मुड़ सकता है।
इन राज्यों में बारिश का अलर्ट
तूफान बनने की प्रक्रिया के दौरान देश के कई हिस्सों में मौसम बदलेगा:
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दक्षिण भारत: 22 से 24 नवंबर के बीच तटीय आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु के कई हिस्सों (चेन्नई सहित) में मध्यम से भारी बारिश होने की संभावना है।
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मध्य भारत और महाराष्ट्र: जैसे-जैसे यह सिस्टम आगे बढ़ेगा, यह प्रायद्वीपीय भारत के आंतरिक इलाकों में नमी लाएगा। इसके चलते 23 और 24 नवंबर के आसपास दक्षिणी तेलंगाना, दक्षिणी कर्नाटक और महाराष्ट्र के विदर्भ व मध्य हिस्सों (विशेषकर पुणे, सांगली, सतारा, कोल्हापुर) में बेमौसम बारिश हो सकती है।
उत्तर भारत में ठंड बढ़ी, पर ‘कड़ाके की सर्दी’ का इंतजार
उत्तर और मध्य भारत में हवाओं का रुख बदलने से तापमान में गिरावट दर्ज की गई है। दिल्ली सहित कई मैदानी इलाकों में न्यूनतम तापमान 10 डिग्री सेल्सियस से नीचे चला गया है, जबकि राजस्थान के सीकर में पारा 5.5 डिग्री सेल्सियस तक लुढ़क गया है।
हालांकि, मौसम विशेषज्ञों ने स्पष्ट किया है कि कड़ाके की सर्दी और घने कोहरे का दौर अभी शुरू नहीं हुआ है। इसका मुख्य कारण किसी मजबूत पश्चिमी विक्षोभ (Western Disturbance) का न होना है। पहाड़ों पर भारी बर्फबारी करने वाला कोई बड़ा पश्चिमी विक्षोभ इस महीने के अंत तक आने की संभावना नहीं है, इसलिए फिलहाल दिन के तापमान में बहुत भारी गिरावट नहीं होगी।
ला नीना और प्रदूषण पर अपडेट
विशेषज्ञों ने बताया कि वर्तमान में चल रही कमजोर ‘ला नीना’ (La Niña) की स्थिति जनवरी तक जारी रहेगी, जिसके बाद मौसम ‘न्यूट्रल’ कंडीशन में आ जाएगा। यह बदलाव 2026 के मानसून के लिए अच्छे संकेत दे रहा है। वहीं, दिल्ली-एनसीआर के प्रदूषण पर बात करते हुए बताया गया कि इसमें पराली के धुएं का योगदान केवल 5-10% है, जबकि प्रदूषण का मुख्य कारण स्थानीय गतिविधियां हैं।